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Home Ummeed Shayari Ummeed Shayari in Hindi - उम्मीद शायरी इन हिंदी

दीवानगी हो अक़्ल हो उम्मीद हो कि आस

दीवानगी हो अक़्ल हो उम्मीद हो कि आसदीवानगी हो, अक़्ल हो, उम्मीद हो कि आस,
अपना वही है, वक़्त पे जो काम आ गया।

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जब जब आपसे मिलने की उम्मीद नजर आईजब जब आपसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
मेरे पैरों में जंजीर नजर आई,
गिर पड़े आंसू आंखों के,
और हर आंसू में आपकी तस्वीर नजर आई।

उम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार कीउम्मीद न रखना किसी से सच्चे प्यार की,
बहुत प्यार से धोखा देते हैं, शिद्दत से चाहने वाले।

बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखोबुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्योकिं समझौते शेर को भी कुत्ता बना देते हैं।

तुम भुला दो मुझे ये तुम्हारी अपनी हिम्मत हैतुम भुला दो मुझे ये तुम्हारी अपनी हिम्मत है,
पर मुझसे तुम ये उम्मीद जिन्दगी भर मत रखना।

ना पूछना कैसे गुज़रता है पल भी तेरे बिनाना पूछना कैसे गुज़रता है पल भी तेरे बिना,
कभी देखने की हसरत में कभी मिलने की उम्मीद में।

उम्मीद तो बाँध जाती तस्कीन तो हो जातीउम्मीद तो बाँध जाती तस्कीन तो हो जाती,
वादा ना वफ़ा करते वादा तो किया होता।

यहाँ रोटी नही उम्मीद सबको जिंदा रखती हैयहाँ रोटी नही “उम्मीद” सबको जिंदा रखती है,
जो सड़कों पर भी सोते हैं ,सिरहाने ख्वाब रखते हैं।

बहुत चमक है उन आँखों में अब भीबहुत चमक है उन आँखों में अब भी,
इंतज़ार नहीं बुझा पाया है उम्मीद की लौ।

सुना है हमने भी उम्मीद पे जीता है जमानासुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।

कटी हुई टहनिया कहा पर छाव देती हैंकटी हुई टहनिया कहा पर छाव देती हैं,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव ही देती हैं।

हजारो उम्मीदें बंधती हैं एक निगाह परहजारो उम्मीदें बंधती हैं, एक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से, देखा करे कोई।

उम्मीदों की आग जब हद से ज्यादा होउम्मीदों की आग जब हद से ज्यादा हो,
बुझती है, सिर्फ अश्कों की बारिश से।

तपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिएतपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिए,
सदियों से इन्सान का अपने आपको छलना जारी है।

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैंउलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं,
ए जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं।

करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहेकरीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे,
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे,
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी,
कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।

तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न होतेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो,
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता।

कभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरनेकभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरने,
तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला।

था यकीं मुझे भी कि भूल जाओगे तुमथा यकीं मुझे भी कि भूल जाओगे तुम,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे।

कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घरकच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर,
ढह जाता है हकीकत की बरसात में अक्सर।

उम्मीदें तैरती रहती हैं कश्तियां डूब जाती हैंउम्मीदें तैरती रहती हैं, कश्तियां डूब जाती हैं,
कुछ घर सलामत रहते हैं, आंधिया जब भी आती हैं,
बचा ले जो हर तूफां से, उसे “आस” कहते हैं,
बड़ा मज़बूत है ये धागा, जिसे “विश्वास” कहते है।


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